जिओस्पेटियल – रीसेंट ट्रेंड्स एंड ग्रोथ अपार्चुनिटीज नामक एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि में शुक्रवार को विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में एक जिओस्पेटियल – रीसेंट ट्रेंड्स एंड ग्रोथ अपार्चुनिटीज नामक एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया| वर्कशॉप आयोजन का उद्देश्य सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मॉडर्न तकनीक से छात्र-छात्राओं को अवगत कराना रहा|
कार्यशाला के दौरान ईएसआरआई से पधारे विशेषज्ञ कुनाल दुनेजा ने छात्र-छात्राओं को सिविल इंजीनियरिंग की आधुनितम तकनीक जीआईएस सिस्टम के बारे में जानकारी प्रदान की| उन्होंने बताया कि वैश्वीकरण के दौर में जीआईएस तकनीक का महत्व बढ़ता जा रहा है| उन्होंने कहा कि आज यदि कोई विदेशी कंपनी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोई प्लांट लगाना चाहती है तो वह कंपनी बिना लखनऊ विजित किए स्पेसिफिक स्थान पर जल की उपलब्धता, मौसम की अनुकूलता एवं इंडस्ट्री हेतु सम्बन्धित भूमि की प्रासंगिकता का पता जीआईएस तकनीक के माध्यम से डाटा एनालिसिस कर घर बैठे कर सकती है| कार्यशाला के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम जीआईएस तकनीक के जरिए डाटा एनालिसिस करने के गुण सिखाये गए|
विवि के डीन यूजी प्रो विनीत कंसल ने कहा यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल की यह पहली वर्कशॉप है| सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कौशल विकास हेतु विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया| इंडस्ट्री में हो रहे टेक्नोलॉजिकल पैराडाइम शिफ्ट को कैटर करने के लिए इस तरह के कोलैबरेशन को बढ़ावा देना जरुरत बनता जा रहा है| विवि छात्र-छात्राओं को रोजगारपरक एवं स्वरोजगारपरक बनाने के लिए इस तरह की पहल करता रहेगा|
कार्यशाला में विवि के प्रदेशभर के सम्बद्ध संस्थानों लगभग 170 से अधिक सिविल इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया| कार्यशाला का संचालन नेहा श्रीवास्तव ने किया| कार्यशाला विधिवत सम्पन्न हो गयी|